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झारखंड: आत्मसमर्पण या चेहरा गोली, आईजी नेक्सालाइट्स को चेतावनी दी

रांची, 26 मई: माओवादी जोनल कमांडर कुंदन खारवार की गिरफ्तारी के बाद और एक मुठभेड़ में उप-ज़ोनल कमांडर मनीष यादव की हत्या, पालमू आईजी, डिग और लेटहर एसपी सोमवार को लेटहार जिले में महुआडानर के बंसकर्चा पुलिस पिकेट पर पहुंचे।

पत्रकारों से बात करते हुए आईजी सुनील भास्कर ने कहा कि नक्सलियों और अन्य चरमपंथी जो समाज की मुख्यधारा से अलग हो गए हैं, उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर आत्मसमर्पण करना चाहिए, अन्यथा वे भी मारे जाएंगे।

उन्होंने नक्सली ज़ोनल कमांडर कुंदन खरवार की गिरफ्तारी और ऑपरेशन में उप-ज़ोनल कमांडर मनीष यादव की हत्या के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने बताया कि एसपी कुमार गौरव के नेतृत्व में एक अच्छी तरह से नियोजित ऑपरेशन चलाकर पुलिस को यह सफलता मिली है।

डिग वाईएस रमेश ने कहा कि कुंदन पिछले 10-12 वर्षों से संगठन में था। उसके खिलाफ कुल 27 मामले पंजीकृत हैं। इसी समय, मनीष यादव के खिलाफ लेटहर, पालमू, गढ़वा और छत्तीसगढ़ के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मनीष यादव के खिलाफ 40 मामले पंजीकृत हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि दोनों वर्ष 2013 में कटिया मुठभेड़ में शामिल थे। इसमें दस पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया गया था। इसके अलावा, 2019 के चुनावों के दौरान, माओवादियों ने चंदवा के लुकिया में पुलिस टीम पर हमला किया, जिसमें चार पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया गया। 2018 में, भांडारिया में पुलिस शिविर पर माओवादियों द्वारा हमला किया गया था, जिसमें छह सुरक्षा कर्मियों को शहीद कर दिया गया था। वे दोनों भी उस घटना में शामिल थे।

एसपी कुमार गौरव ने कहा कि लेटहर पुलिस लगातार नक्सल विरोधी संचालन चला रही है।

कुमार गौरव ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से दून क्षेत्र को बंद किया जा रहा था। यह घटना माओवादियों के लिए एक बड़ी हानि है। छदु खरवाड़, कुंदन खरवार और मनीष यादव संगठन चला रहे थे।”