रांची, 30 मई: 16 वें वित्त आयोग के चेयरपर्सन अरविंद पनागरिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि इस साल झारखंड में स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 दोनों के लिए बकाया धन प्राप्त होगा। वह शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
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उन्होंने कहा कि 15 वें वित्त आयोग ने एक शर्त लगाई थी कि स्थानीय निकायों के चुनाव अनुदान के लिए आवश्यक हैं। चुनावों के गैर-आचरण के कारण यहां पैसा फंस गया है
यदि इस वर्ष चुनाव होते हैं, तो दो साल के लिए पैसे भी जारी किए जाएंगे।
पनागारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वित्त आयोग केवल सिफारिशें करता है। अनुदान केंद्र सरकार के बजट से आते हैं। उन्होंने कहा कि अब योजना आयोग खत्म हो गया है। नती अयोग ने इसकी जगह ले ली है।
“13 वें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 32.02 प्रतिशत होने की सिफारिश की थी। शेष 68 प्रतिशत केंद्रीय पूल में जाता है,” पनागारी ने कहा।
15 वें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से को 41 प्रतिशत होने की सिफारिश की थी। अब झारखंड सरकार केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग कर रही है।